पीलिया के लक्षण, कारण व जानें इसका घरेलू इलाज

पीलिया के लक्षण, कारण व जानें इसका घरेलू इलाज

पीलिया को जॉन्डिस या फिर वायरल हेपेटाइटिस भी कहा जाता है। यह एक बहुत ही सूक्ष्म वायरस की वजह से होने वाली बीमारी है। यह बहुत धीमी गति से फैलती है और इसके लक्षण जल्दी सामने नहीं आते। लेकिन जब यह गंभीर रूप धारण कर लेती है तो मरीज की आंखें, नाखून और त्वचा पीले पड़ने लग जाते हैं, इसी कारण इसे पीलिया कहा जाता है।

 

What is Jaundice in Hindi

 

जो लोग अपने आसपास सफाई का ध्यान नहीं रखते या भीड़भाड़ वाले इलाकों में रहते हैं, वहां पीलिया की समस्या ज्यादा होती है। यह बीमारी पीड़ित रोगी के मल से, दूषित जल, भोजन और दूध के जरिए भी फैलती है। यदि पीलिया जैसी बीमारी का समय रहते इलाज न कराया जाए तो यह एक गंभीर रूप धारण कर सकती है जो जानलेवा हो सकती है। तो आइए, आज इस लेख में हम पीलिया क्यों होता है? और पीलिया के लक्षण आदि के बारे में जानेंगे।

 

 

पीलिया क्या है? - What is Jaundice in Hindi?


 

आइए पहले जानते हैं कि पीलिया क्यों होता है? पीलिया शरीर में बिलीरुबिन नामक पदार्थ के बहुत अधिक हो जाने के कारण होता है। बिलीरुबिन हीमोग्लोबिन में मौजूद एक पीला रसायनिक वर्णक है। बिलीरुबिन वर्णक शरीर में हेमोलिसिस द्वारा निर्मित होता है और यह लीवर द्वारा उत्सर्जित होता है लेकिन लीवर की शिथिलता की स्थिति में वर्णन उत्सर्जित नहीं होता और खून में जमा हो जाता है, इसी कारण पीलिया होता है।

 

बिलीरुबिन की अत्यधिक मात्रा होने से लिवर पर बुरा प्रभाव पड़ता है और इससे लीवर के काम करने की क्षमता भी कमजोर हो जाती है। बिलीरुबिन धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाता है जिससे व्यक्ति को पीलिया रोग हो जाता है। शरीर में

बिलुरुबिन का स्तर बढ़ जाने के कारण त्वचा, नाखून और आंखों का सफेद भाग भी पीला नजर आने लगता है। कई लोग जानना चाहते होंगे कि पीलिया कितने पॉइंट होना चाहिए। तो आपको बता दें कि प्लाज्मा में पित्तरंजक का लेवल 1.0 प्रतिशत होना चाहिए।

 

 

पीलिया के कारण - Jaundice Causes in Hindi

 

पीलिया क्या है? यह जानने के बाद अब यह सवाल मन में आता है कि पीलिया किसके कारण होता है? तो आइए उन कारणों के बारे में जानते हैं जिस कारण पीलिया होता है।

 

causes of Jaundice in Hindi

 

1. लीवर की सूजन - जब लीवर में सूजन आ जाती है तो बिलीरुबिन को न तो वह सही तरीके से इकट्ठा कर पाता है और न ही शरीर से बाहर निकाल पाता है। इसी कारण लीवर में बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ने लगती है और पीलिया हो जाता है।

 

2. हेपेटाइटिस - पीलिया की शिकायत हेपेटाइटिस के कारण भी हो जाती है। यह लीवर की एक तरह की बीमारी है जो वायरल इंफेक्शन, ड्रग्स के इस्तेमाल या ऑटोइम्यून डिसीज़ के कारण होती है।

 

3. हेमोलिटिक एनीमिया - हेमोलिटिक एनीमिया की स्थिति में बड़ी मात्रा में लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने से बिलीरुबिन का निर्माण होने लगता है जिसके कारण पीलिया हो जाता है।


3. गिल्बर्ट सिंड्रोम - यह अनुवांशिक रोग है जिसमें शरीर में पाए जाने वाले एंजाइम पित्त को बहुत कम मात्रा में फिल्टर करते हैं। उनके फिल्टर करने की क्षमता कम हो जाती है।


4. शराब से जुड़ी लीवर की बीमारी - ज्यादा शराब का सेवन करने से लीवर को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचता है जिस कारण लीवर से संबंधित रोग अल्कोहलिक हेपेटाइटिस और अल्कोहलिक सिरोसिस हो जाते हैं। इससे भी पीलिया होने की संभावना रहती है।


5. पैंक्रियाटिक कैंसर - पैंक्रियाटिक कैंसर के कारण पित्त नली बंद हो जाती है और यह पीलिया का कारण बनता है। यह पैंक्रियाटिक कैंसर महिलाओं में होने वाला दसवां और पुरुषों में होने वाला नौवां सबसे कॉमन कैंसर है।


6. पित्त नलिकाओं का ब्लॉक होना - ये पित्त नलिकाएं लीवर और पित्ताशय से पित्त को छोटी आंत में ले जाने का काम करती हैं। लेकिन जब यह नलिका गोल स्टोन, कैंसर या लीवर की दूसरी गंभीर बीमारियों के कारण ब्लॉक हो जाती हैं तो ऐसी स्थिति में भी पीलिया होने की संभावना रहती है।


7. दवाइयों के कारण - पेनिसिलिन, एसिटामिनोफेन, गर्भनिरोधक गोलियां और स्टेरॉयड लीवर की बीमारियों से जुड़ी है। यह दवाइयां भी पीलिया का कारण बन सकती हैं।

 

 

पीलिया के लक्षण - Jaundice Symptoms in Hindi

 

Jaundice Symptoms

 

आइए पीलिया के शुरुआती लक्षण के बारे में जानते हैं-

 

  1. इसमें फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं जैसे, मितली आना, पेट दर्द, भूख न लगना, आदि।
  2. लीवर की बीमारियों की तरह इसमें भी पेट दर्द, मितली आना, भूख न लगना, आदि लक्षण दिखते हैं।
  3. त्वचा, नाखून और आंख का सफेद हिस्सा पीला पड़ जाता है।
  4. पेशाब का रंग गाढ़ा पीला हो जाता है।
  5. वजन घटने लगता है।
  6. भूख नहीं लगती।
  7. लगातार थकान महसूस होती है।
  8. बुखार होता है।
  9. पेट में दर्द होता है।
  10. हाथों में खुजली होती है।

 

 

पीलिया का घरेलू इलाज- Home Remedies for Jaundice in Hindi

 

Home Remedies for Jaundice in Hindi 

 

पीलिया जैसा सामान्य दिखने वाला रोग कब गंभीर रूप ले लेता है, पता ही नहीं चलता और इसके कारण लीवर कमजोर होकर काम करना बंद कर देता है। इस कारण लोग घबरा जाते हैं। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि आप कुछ घरेलू नुस्खों को अपनाकर भी पीलिया का इलाज कर सकते हैं। आइए पीलिया का इलाज हिंदी पर चर्चा करें - 

 

1. आंवला - आंवला विटामिन सी और कई अन्य पोषक तत्वों से समृद्ध है। यह शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो लीवर को बेहतर बनाने का काम करता है इसलिए पीलिया के उपचार में आंवले का इस्तेमाल बहुत समय से किया जा रहा है। इसके सेवन के लिए आप एक बर्तन में एक कप पानी में दो से तीन आंवलों को उबालें। बचे हुए पानी के साथ आंवले के गूदे को मिलाएं। यह मिश्रण जब ठंडा हो जाए तो उसमें शहद मिलाकर इसका सेवन करें। पीलिया की दवा की तरह आप इसे दिन में दो से तीन बार इस्तेमाल कर सकते हैं।


2. पपीते के पत्ते- पीलिया के इलाज में पपीते के पत्तों का सेवन किया जा सकता है। यह एक कारगर घरेलू इलाज है। इसके सेवन के लिए आप पपीते के पत्तों का पेस्ट बना लें और एक चम्मच पेस्ट में शहद मिलाकर सेवन करें। इस नुस्खे को आप दो हफ्तों तक रोजाना आज़माएं।


3. गिलोय - गिलोय को पीलिया की जड़ी-बूटी कहा जा सकता है। गिलोय पीलिया के इलाज में बहुत ही कारगर है। गिलोय को अमृत समान माना जाता है। पीलिया रोग में गिलोय से फायदा देखा जा सकता है। इसके सेवन के लिए आप गिलोय के 10 से 20 पत्तों को पीसकर एक गिलास छाछ में मिलाकर तथा छानकर सुबह के समय पीएं, आपको पीलिया में फायदा होगा। आप चाहें तो गिलोय का काढ़ा बनाकर उसमें दो चम्मच शहद मिलाकर भी दिन में तीन बार पी सकते हैं। यह भी आपको पीलिया रोग में लाभ देगा। गिलोय के ताज़े डंठल को कूटकर रस निकाल लें और कुछ दिन तक इस रस को पीएं। इससे पुराने से पुराना पीलिया भी गायब हो जाएगा। लीवर से संबंधित किसी भी तरह की परेशानी में गिलोय बहुत लाभकारी है।


4. अनार - अक्सर लोगों के मन में यह सवाल होता है कि पीलिया में अनार खाना चाहिए या नहीं? तो इसका जवाब हाँ में है। आप पीलिया में अनार खा सकते हैं। अनार का सेवन पीलिया में फायदेमंद होता है। पीलिया से पीड़ित व्यक्ति काफी कमजोर हो जाता है और इम्यूनिटी भी बहुत कमजोर हो जाती है। इस कमजोरी को दूर करने के लिए अनार पीलिया में खाया जा सकता है। यह आपको शक्ति देता है और इस बीमारी को खत्म करने में भी मदद करता है। पीलिया की बीमारी में लीवर काफी कमजोर हो जाता है, ऐसे में अगर आप अनार खाते हैं तो यह पीलिया के मरीज के लिए अच्छा माना जाता है।

 

pomegranate


5. बकरी का दूध - पीलिया की दवा के रूप में बकरी का दूध बहुत गुणकारी है। वैज्ञानिक शोध में भी पाया गया है कि बकरी का दूध लीवर से जुड़े जोखिम और गट माइक्रोबायोटा में आए असंतुलन में सुधार करने में मदद करता है। साथ ही लीवर से जुड़ी सभी समस्याओं को ठीक करने का काम भी करता है। आप पीलिया के रोग में जल्दी ठीक होने के लिए रोजाना एक कप बकरी के दूध का सेवन कर सकते हैं।


6. गन्ने का रस - पीलिया ठीक करने के बेहतरीन उपायों में गन्ने का रस भी एक है। गन्ने का जूस पाचन में मदद करने के साथ-साथ लीवर की कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से चलाने में भी सहायक है। पीलिया की शिकायत होने पर जब तक आप ठीक न हो जाए तब तक रोज गन्ने के जूस का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

 

 

पीलिया में क्या खाना चाहिए - Your Diet in Jaundice in Hindi

 

1. हल्का आहार लें - पीलिया के समय पोषक तत्वों से भरपूर हल्का खाना खाएं। यह लीवर से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है और आसानी से पच भी जाता है।

 

Your Diet in Jaundice in Hindi


2. ज्यादा पानी पीएं - पीलिया होने पर मरीज को हाइड्रेट रहने की जरूरत होती है इसके लिए जितना हो सके पानी पीएं। पानी आपके पाचन को भी सही रखेगा और शरीर से विषैले पदार्थों को भी बाहर निकालेगा।


3. फल और सब्जियां - फल और सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है जो हमारी पाचन क्रिया को ठीक करता है। पीलिया से पीड़ित मरीज को अपने आहार में फल और सब्जियों को शामिल करने से जल्द आराम मिलता है।


4. मूली का रस - पीलिया के रोगी को मूली के रस का सेवन करना चाहिए। इससे खून में मौजूद बढ़ा हुआ बिलीरुबिन शरीर से बाहर निकल जाता है।



 

पीलिया में क्या नहीं खाना चाहिए - Avoid These in Jaundice Disease

 

किन चीजों का पीलिया में परहेज करना चाहिए, आइए जानते हैं-

 

1. जंकफूड न खाएं - पीलिया के मरीज को जंक फूड के सेवन से बचना चाहिए। पीलिया में हमारा शरीर कमजोर हो जाता है ऐसे में अगर हम सही पोषक तत्व नहीं लेंगे तो हमें कमजोरी और ज्यादा हो जाएगी। इसलिए जंक फूड, डब्बा पैक फूड, आदि से परहेज करना चाहिए।


2. अल्कोहल से बचें - पीलिया की बीमारी में शराब व नशीली चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए। इनके सेवन से यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है।


3. अचार न खाएं - पीलिया के रोगी को अचार का सेवन नहीं करना चाहिए। पीलिया होने पर नमक का सेवन भी कम करना चाहिए।


4. अधिक भोजन न करें - अधिक भोजन करने से आपका पाचन बिगड़ सकता है इसलिए पीलिया होने पर ज्यादा खाना खाने से बचें।



 

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यदि आप भी पीलिया और लीवर के रोगों से ग्रस्त हैं तो आप Namhya लीवर क्लींज़ टी का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह एक हर्बल प्रोडक्ट है जिसके मुख्य घटक है गिलोय, हरड़, मंजिष्ठा, आदि। यह लीवर रोग, पेट में सूजन और कब्ज आदि के इलाज के लिए बहुत फायदेमंद है।

 

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Namhya लीवर क्लींज़ टी पाचन क्रिया को सुधारने में, लीवर को संक्रमण से बचाने और उसे बेहतर कार्य करने में मदद करती है। आप इस प्रोडक्ट को Namhya की वेबसाइट से ऑनलाइन घर बैठे भी ऑर्डर कर सकते हैं।

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